सूरज की वो रोशनी धुप दिखाती जाती है
पर ठण्ड के कोहरे की मात वो भी खाती है।
लेकिन फिर भी हराती है कोहरे को
हर पल हराती जाती है
हर रोज सूरज उगता है
पर कोहरे के लपटों के कारण किसी को नहीं वो दिखता है।
फिर भी वो उगता है और
खुद से आशा करता है।
एक दिन दिखेगा वो उस वन में
जिसमे प्रयास उसके उगने के सफल हो जाते
Year: 2021
हौसला है तुम्हारे पास
हौसला है हमारे पास
हम इसे बुलंद करें
तो आगे बड़ेगी हमारी आस
इतना अगर करें काम
तो समझलेना
सफलता है हमारे पास