जब सूरज डूब जाता है आसमान में,
और चांदनी सीधे छूट जाती है पर्वतों में,
तब भीड़ उठती है मेरे बिजली बिल के बकायेदारों में।
बच्चा बच्चा परेशान हो जाता है,
माँ-बाप रोज अपने मन में सोचते हैं,
क्या करें, कहाँ से उठाएं,
इस बिजली बिल के भार को टालें?
मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी, सबको परेशानी आती है वही,
जब बिजली का बिल घर आता है,
हर महीने फिर से उठ जाता है पल।
क्या हो जाए इस बिल का हम संभाल,
ये सोचते हैं हम हर पल। पैसे कहाँ से लाएं,
कहाँ से चुटकारा पाएं,
इस बिजली बिल की गर्मी सह पाएं?
जीवन में बिजली का अहम जगह है,
प्रकृति को बचाने का संकल्प है,
पर इस अहम काम के बदले,
हमें होता है ये बिजली बिल का भुगतान।
पर क्या बने इसके बकायेदार,
जो बढ़ता जा रहा है सदियों से?
सोचो, सोचो और सोचो फिर से,
क्या हमें इसका करना होगा समाधान।
जब भी आता है ये बिल अपने हाथों में,
हमें याद दिलाता है ये असलियत की दुनिया,
बिजली का संरक्षण करना जरूरी है,
बिना जले हुए जीवन का साथ देना है ये।
चलो मिलकर आओ इस बिल का सामना करें,
ज्यादा से ज्यादा उर्जा बचाने का काम करें,
बिजली बिल के बकायेदारों को चेतावनी दें,
हर घर में संजीदगी से बिजली का सदुपयोग करें।