fbpx
flood, elbe, meissen

कुछ सर्ग कामायनी जैसे फिर से धरती पर उतर गये,
फिर से जल प्लावन दृश्य पुराने इसी धरा पर उभर गये।
सम्बन्ध श्वास के औ’ तन के फिर से मन को तड़पाएँगे,
फिर से पुरवाई आयेगी, पर वे दिन लौट न पाएंगे।

Read More
amitabh bachhan poem

तू चल, तेरे रास्ते को
तुझ जैसे राही का इंतजार है
जिस दायरे से सिमट रहा
वो दायरा बढ़ा ले तू
कब तक यूही सिमट सका
उस दायरे से आगे निकल ले तू
बस सम्हल ले तू,
सम्हल ले तू

Read More
waves, sea, ocean

मैं अबाध गति हूँ, मैं अमर्त्य जीवन,
कजरी की शाश्वतता, अंतहीन सावन।
गहरी लम्बी सी निशा की मैं झनझन,
डूब रहा तिरता सा एक अकेला मन।
रुकती सी, चलती सी, खुशियाँ और वेदना,
मुझे मत रोकना।

Read More
children, children playing, children's

कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।

Read More
fish, underwater, corals

लिखा गया कुछ,उसे पढ़ा गया कुछ,
निराकार माटी को गढ़ा गया कुछ,
विस्तृत वितानों का छोटा ह्रदय,
सारे फकीरों को लूटने का भय।
गढ़ी कथा मैने भी स्वार्थ की,
दुनिया अलग है यथार्थ की।

Read More