भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों में आई तनाव के बारे में जानकारी
भारत और कनाडा दो महत्वपूर्ण ग्लोबल अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुख खिलाड़ी हैं, और इन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध एक महत्वपूर्ण आरंभिक चरण में हैं। हाल के दिनों में, भारत और कनाडा के बीच एक तनावपूर्ण मोड़ आया है, जिसके कई पहलू हैं। इस लेख में, हम इस व्यापारिक संबंधों में आये तनाव के कुछ मुख्य पहलूओं पर प्रकाश डालेंगे।
- कनाडा की व्यापारिक मिशन की रोकथाम: हाल ही में, कनाडा ने बिना किसी कारण या स्पष्ट जानकारी के भारत के साथ व्यापारिक मिशन को रोक दिया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को प्रभावित करने के रूप में आया है और तनाव को बढ़ा दिया है।
- भारत की प्रतिक्रिया: जवाब में, भारत ने कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक ओलिवर सिल्वेस्टर को निष्कासित किया है। इसका मतलब है कि भारत ने इस तनाव को गंभीरता से लिया है और यह व्यापारिक मिशन के रुकने के पीछे के कारणों को साझा नहीं कर रहा है।
- CPPIN के निवेश: कनाडा पेंशन फंड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIN) ने भारत में कई कंपनियों में भारतीय शेयरों में निवेश किया है, और इसका असर इस व्यापारिक तनाव पर भी पड़ सकता है। CPPIN के निवेश प्राप्त करने वाली भारतीय सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की सूची लंबी है, और इसमें कई बड़ी नाम हैं जैसे कि कोटक महिंद्रा बैंक, जोमैटो, पेटीएम, इंफोसिस, और नायका।
- कोटक महिंद्रा बैंक: CPPIN ने कोटक महिंद्रा बैंक में बड़ा निवेश किया है, जिसमें उनकी 2% से अधिक हिस्सेदारी है। इस निवेश का मूल्य करीब 9,500 करोड़ रुपये है, और यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
- ICICI बैंक: इसके अलावा, निजी क्षेत्र के ICICI बैंक को भी CPPIN से निवेश मिला है, जिसमें उनकी हिस्सेदारी लगभग 10 मिलियन डॉलर की है।
- जोमैटो: कनाडा पेंशन फंड ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो में भी निवेश किया है, और उनकी हिस्सेदारी जून 2023 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक लगभग 2.37% है।
- पेटीएम: विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व वाला ऑनलाइन भुगतान सेवा प्रदान करने वाला प्लेटफॉर्म पेटीएम भी उन कंपनियों की सूची में है, जिनमें CPPIN ने निवेश किया है।
- इंफोसिस: टेक सेक्टर में भारत समेत दुनिया भर में परचम लहराने वाली दिग्गज कंपनी इंफोसिस के अमेरिका में सूचीबद्ध शेयरों में कनाडा पेंशन फंड ने करीब 22 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
- नायका: भारतीय फैशन और ब्यूटी ब्रांड नायका के एंकर निवेशकों की सूची में कनाडा पेंशन फंड भी शामिल है, जून 2023 तिमाही तक फंड के पास डेल्हीवरी में कुल 6% हिस्सेदारी थी।
- डेल्हीवरी: CPPIN ने देश की लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता कंपनी डेल्हीवरी में भारी निवेश किया है, और उनकी हिस्सेदारी 6% तक है।
- इंडस टॉवर: इंडस टॉवर में कनाडा पेंशन फंड ने भी निवेश किया है और 2.18% हिस्सेदारी के आधार पर निवेश का मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
- अन्य कंपनियां: कनाडा पेंशन फंड ने पीरामल एंटरप्राइजेज समेत कई और बड़ी कंपनियों में भी निवेश किया है और विभिन्न क्षेत्रों में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके बावजूद, भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों के इस तनाव के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? क्या इसका कोई गहरा संवाद हो रहा है? यह सभी प्रश्न महत्वपूर्ण हैं और हमें इसे समझने की कोशिश करनी चाहिए।
पहला कारण इस तनाव के पीछे का भारत और कनाडा के बीच के व्यापारिक मिशन की रोकथाम हो सकता है। कनाडा की यह कदम अचानक और बिना पूर्व सूचना के लिया गया था, जिससे व्यापारिक संबंधों में गड़बड़ हो रही है। भारत ने इस पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है और इसका समाधान करने के लिए संवाद करने की अपील की है।
दूसरा कारण हो सकता है CPPIN के निवेश से संबंधित है। CPPIN ने भारतीय शेयरों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और उनकी हिस्सेदारी बड़ी कंपनियों में है। इसलिए, कनाडा पेंशन फंड के इन निवेशों का असर भारत की वित्तीय स्थिति पर हो सकता है, और इसके कारण तनाव बढ़ सकता है।
यह तनावपूर्ण स्थिति व्यापारिक संबंधों के परिपर्णता को भी प्रभावित कर सकती है, और अंत में उनके बारे में और सुझाव प्रस्तुत कर सकती है। इस संदर्भ में, भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों के बारे में स्थिरता और सुरक्षा की जरूरत है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिल सके।
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FAQ
कनाडा में सबसे ज्यादा भारतीय किस प्रांत में हैं?
ओंटारियो प्रांत भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय बनकर उभरा है, 55% से अधिक भारतीय आप्रवासी आबादी वहां अपना घर ढूंढ रही है। टोरंटो, ओटावा, वाटरलू और ब्रैम्पटन ओंटारियो में अच्छी भारतीय आबादी वाले शहर हैं।
आज कनाडा में सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है?
वर्तमान में कनाडा अखबारी कागज का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। टोरंटो आर ओटावा में इंजिनयरिंग (अभियंता) उद्योग के बड़े केन्द्र है। वेन कोबर में समुद्री उत्पाद परिष्करण, आटा उद्योग तथा कागज उद्योग विकसित है। प्रिंस एडवर्ड आइलैंड-मछली उद्योग, चमड़ा उद्योग, इलेक्टॉनिक (विद्युत) तथा फूटलूज उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
कनाडा का मुख्य उद्योग कौन सा है?
कनाडा में लुगदी और कागज उद्योग देश के सबसे महत्वपूर्ण और लाभदायक उद्योगों में से एक है।
सारांश: भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण समय में हैं, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इस स्थिति को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच वार्तालाप और समझौते की आवश्यकता है, ताकि व्यापारिक संबंध स्थिर रह सकें और दोनों देशों के बीच साझेदारी और निवेश को बढ़ावा मिल सके।