दुनिया भर में बांघों की संख्या बहुत कम हो गई है| दुनिया भर में बांघों को बचाने के लिए एक मुहिम के रूप में international tiger day मनाया जाता है|
International tiger day हर साल 29 जुलाई को बांघों के संरक्षण के लिए लोगो को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है|
भारत सरकार ने बाघ के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर 1973 में शुरू किया था प्रोजेक्ट टाइगर अपने तरह की सबसे बड़ी संरक्षण योजना है अभी दुनिया भर में 3900 टाइगर जिन्दा है पूरी दुनिया भर में जितने भी बाघ पाए जाते है उनमे से भारत में 70 % पाए जाते है
जंगल में रहने वाले बाघों का जीवन 12 साल का होता है लेकिन जू में रहने वाले बाघ दुगना जीते है|
बाघ बिल्ली की प्रजाति के होते है|
बाघ में मादा बाघ एक बार में 3 महीने में 3 से 4 बच्चे का जन्म देती है|
बाघ जब चिखड़ाता है तब उसकी आवाज 3 किलोमेट्रेर तक सुनाई देता है|
बाघ मांसाहारी जीव होता है इनका पसंदीदा खाना जंगली भैसे होती है और सूअर होते है|
दुनिया में जितने भी बाघ है उनमे से ज्यादातर लोग बाघ पाल के रखे हुए है|
बाघ नेशनल एनिमल है बाघों का शिकार नहीं किया जा सकता क्योंकि बांघों का शिकार करना गैर क़ानूनी है|
बाघ के लार एंटीसेप्टिक होती है वे किसी भी घाव को ठीक करने के लिए उस घाव को चाट लेते है|
सफ़ेद बाघ पैदा होने का चांस 10000 बाघों में कोई एक बाघ होता है|
ये शिकार ढूडने के लिए रात का इंतजार करते है क्योकि इनको रात में 6 गुना ज्यादा दिखाई देता है| ये शिकार शिकारी के गर्दन पर करते है|
बाघ आपनी ताकत के रूप में दुनिया भर में जाने जाते है टाइगर
साइबेरियन प्रजाति के टाइगर दुनिया के सबसे बड़े टाइगर के रूप में होता है|
टाइगर दुनिया के सबसे पॉपुलर जीव होते है|
भारत में सबसे ज्यादा टाइगर है|
टाइगर की स्ट्रांग बॉडी होती है|
इनका साइज 5 से 6 फ़ीट का होता है|
इनकी मस्कुलर बॉडी भी स्ट्रांग होती है|
ये 16 फ़ीट लम्बी छलांग लगा सकते है|
इनका शिकारी अंदाज़ बहुत बढ़िया होता है|
इनके स्ट्रांग बैफोट मजबूत जबड़े से शिकार नहीं बच पाता है|
अपने जबड़ो से बड़े जानवरो के गर्दन को तोड़ सकते है|
टाइगर के 30 दांत होते है| जिनमे आगे के दो दांत लगता है शिकार के लिए ही है|
इनकी जीभ खुरदुरी होती है|
इनका पंजा रैपिड की तरह होता है|
जिनसे शिकार को पकड़ने में आसानी होती है|
दुनिया में इनका पॉव इतना मजबूत होता है की इनके मरने के ंबाद भी ये खड़े रह सकते है|
ये 60 किलो मीटर पर ऑवर की रफ़्तार से दौर सकते है|
शिकार के लिए ये पेड़ो पर भी चढ़ जाते है, ये दिन भर में 30 किलो मीट खा जाते है|
ये ज्यादा समय भूखे रहने पर मर जाते है बाघ की रफ़्तार 4 किलोमीटर पर ऑवर होती है|
ये तेज़ दौड़ने की वजह से जल्दी थक जाते है|