fbpx
-
DAYS
-
HOURS
-
MINUTES
-
SECONDS

THIS YEAR 2024 READ MORE WEB STORY

वर्ड इकोनॉमिक फोरम(World Economic Forum)

1-वर्ड इकोनॉमिक फोरम यानी विश्व आर्थिक मंच 1971 में शुरू हुआ था। इसका मुख्यालय स्विटज़रलैंड में है।

2-ये संस्था दुनिया के हालात में सुधार लाने के लिये प्रतिबद्ध है। ये फोरम खुद को पब्लिक-प्राइवेट कोआपरेशन यानी सरकार और निजी छेत्र की भागीदारी का अंतरास्ट्रीय संगठन बताता है।

3-कहा जाता है कि वर्ड इकनोमिक फोरम की मीटिंग में पूरी दुनिया का आर्थिक अजेंडा तय होता है। इस संगठन का दावा है कि वो स्वायत्त और निस्पछ है। इसकी सालाना मीटिंग स्विट्ज़रलैंड के दावोस में होती था । लेकिन कोविद 19 की वजह से इसका स्थान परिवर्तित करके अब लुसर्न बारगेनस्टॉक मनाया जायेगा। जो वर्ष का 51वा वार्षिक सम्मलेन है।

4-हर साल इसकी मीटिंग की एक खास थीम होती है। इस साल की थीम The Great Reset है।
जिसका तात्पर्य इस नए समाज में हर किसी को एक बराबर सम्मान मिलना चाहिए

विशेष राज्य का दर्जा

1-राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने के पीछे मुख्य कारण है उनका पिछड़ापन और क्षेत्रीय असंतुलन दूर करना,जो केंद्र की असंवैधानिक जिम्मेदारी है।
2-दरअसल विशेष राज्यों का दर्जा मिलने पर राज्यों को 90 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान प्राप्त होता है और बाकी 10 प्रतिशत ब्याजमुक्त कर्ज के रूप में मिलता है,जबकि सामान्य राज्यों को केंद्र से मात्र 70 प्रतिशत अनुदान मिलता है।
3-विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर उत्पाद शुल्क में भी रियायत दी जाती है,जिससे औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा मिले।
4-विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा सम्बन्धी मुद्दा सबसे पहले राष्ट्रीय विकास परिषद् की अप्रैल 1969 की बैठक में गाडगिल फार्मूले के अनुमोदन के समय सामने आया था।
5-गाडगिल फार्मूले के तहत पहली बार 1969 में तीन राज्यो असम,नागालैंड,और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। उसके बाद के वर्षो में अरुणांचल प्रदेश,हिंमांचल प्रदेश,सिक्किम,मणिपुर,मेघालय,त्रिपुरा,उत्तराखंड और मिजोरम को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया।

100 साल बाद बांघों की संख्या में इजाफा

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन के अनुसार पिछले 100 सालो में पहली बार बांघों की संख्या में बढ़ौत्तरी दर्ज की गई


-डब्लूडब्लू ऍफ़ और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) ने बताया है कि अब दुनिया भर में बांघों की संख्या 3890 हो गई है।

-इंटरनेशन यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर और राष्ट्रीय बांघ सर्वेछण के आकड़ो के अनुसार 2010 में बांघों की संख्या 3200 थी, जिसमे अब 690 की बढ़ौतरी हुई है।
-दुनियाभर में आधे से अधिक बांघ भारत में ही है,भारत में वर्तमान में 2026 बांघ है,जबकि रूस में 433,इंडोनेसिया में 371,मलेसिया में 250और बाकी बचे बांघ अन्य देशो में है।

-1900 में बांघों की संख्या लगभग 1 लाख थी,तब से प्रतिवर्ष इनकी संख्या घटती गई,अगर तब से लेकर अब की बात करे तो इनकी संख्या में 97 प्रतिशत की गिरावट आई है।

एनएचआरसी

1-मानव अधिकार यानी लोगो को उनके अधिकार दिलाने और उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने के मकसद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) बनाया गया था।

2-इस आयोग की स्थापना सरकार द्वारा अक्टूबर 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम,1993 के अधीन की गई थी।

3-राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित एक समिति की सिफारिश पर किया गया था।

4-आयोग में कुल 8 सदस्य होते हैं। आमतौर पर इसके अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश होते हैं। इसके अध्ययक्ष सहित सभी सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होता है।

5-आयोग को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियाँ प्राप्त है। आयोग अपने सामने आए किसी पीड़ित या उसके ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर किसी याचिका पर स्वयं सुनवाई और कार्यवाही कर सकता है।

6-इसके अलावा आयोग न्यायालय की स्वीकृति से न्यायालय के समक्ष लंबित मानवाधिकारों के प्रति हिंसा सम्बन्धी किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Learning from Shiba Inu to Osaka Protocol Gate 2024 Result Declared Bollywood Movie “Yodhha” Review Toyota corolla cross 7 seater launched in low budget टैक्स बचाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस एक बढ़िया तरीका है।