बहती है गंगा शुद्धता की धारा, धरा से लेकर उच्चता तक निर्मल न्यारा।

दशहरा के पर्व पर ध्यान देते हैं हम, गंगा माता की महिमा है सदा अपार।

अपार ब्रह्मस्वरूपिणी गंगा जी की महिमा, उनकी पावन जल नहीं कहीं होती क्षिमा।

धरती को स्नान कराती हैं अपने जल से, जन-जन को देती हैं शुभ फल-फूल से।

दशहरा के पावन पर्व पर हम यह जानते हैं, गंगा माता की महिमा सबको भाती हैं।

प्रार्थना करते हैं हम उनके चरणों में, सदैव रहे सुख-शांति और आनंद से जीने।

उठो आओ, गंगा की ओर चलो, पापों को धोकर शुद्धता को पाओ।

दशहरा के पावन पर्व मनाएं, गंगा माता के चरणों में जीने।

गंगा दशहरा के अवसर पर आपको बधाई, सदैव बनी रहे आपकी आनंद भरी ज़िन्दगी।

गंगा माता की कृपा सदा बनी रहे आप पर, हर कार्य सफल हो, हो आपका सदैव उद्धार।

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