जगन्नाथ रथ यात्रा आई, हर्षोल्लास से भरी जगमगाई।

चारों ओर खुशियों का संगम, भक्तों की भीड़ ने छाया उल्लासम।

रथ पर बैठे हनुमान जी, राम नाम की धुन लेते नीर।

गंगा जल से रथ को सिंचाते, भक्तों के हृदय को प्रसन्न करते।

श्रीकृष्ण बलराम और सुबद्रा, रथ की ऊचाई बढ़ाते नीरा।

मुख में मुस्कान और आंखों में प्यार, भक्तों को देते हैं वरदान अपार।

यात्रा की शुरुआत पुरी मस्ती के साथ, गड़गड़ाती ढोलक और बजती ताल।

गलियों में दौड़ती खुशियों की लहर, पूरा विश्व देखता है आपका विभोर।