उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) पर कविता

सूरज की किरणों को आगे बढ़ते देखा है,

प्रकृति की सुन्दरता को जीते देखा है।

बादलों के साथ खेलते खुशी से देखा है,

बरसात के बाद नयी दुनिया में बढ़ते देखा है।

Read More

कुछ सर्ग कामायनी जैसे फिर से धरती पर उतर गये,
फिर से जल प्लावन दृश्य पुराने इसी धरा पर उभर गये।
सम्बन्ध श्वास के औ’ तन के फिर से मन को तड़पाएँगे,
फिर से पुरवाई आयेगी, पर वे दिन लौट न पाएंगे।

Read More

कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।

Read More

हौसलों में है दम

तो कुछ कर लेंगे हम।

चाहे कोई भी परिस्थिति आये

हर परिस्थिति से लड़ लेंगे हम।

होगा कभी गम

तो उसमे भी खुशिया ढूढ लेंगे हम। 

वो जिंदगी जो चाहे जी लेंगे हम 

वो जिंदगी जो चाहे जी लेंगे हम। 

Read More
Exit mobile version