आप असत्य को कितना भी बढ़ा चढ़ाकर बोले,
वो सत्य नहीं बन जाता,
इसी तरह सत्य भी असत्य नहीं बन जाता
शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती,
बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है
आप असत्य को कितना भी बढ़ा चढ़ाकर बोले,
वो सत्य नहीं बन जाता,
इसी तरह सत्य भी असत्य नहीं बन जाता
शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती,
बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है
यह भाषा भारत के सबसे ज्यादा हिस्सों में बोली जाती है। और इसकी महत्ता को समझते हुए गाँधी जी ने इसे राष्ट्रभाषा बनाने की बात कही थी। सन 1953 से पुरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वर्ग-नरक
हैं। दुनिया का हर व्यक्ति इसका अनुभव करता है,पर समझता नहीं। यहीं स्वर्ग से सुख है और नरक जैसे दुःख भी। जिस समाज में शांति, सदभाव और भाईचारा है वहीं स्वर्ग है क्योंकि वहां सुख-समृद्धि है।