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हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा पर हिंदी कविता

हैप्पी जगन्नाथ रथ यात्रा पर हिंदी कविता


हर साल, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आयोजित होती है। यह यात्रा उड़ीसा के पुरी शहर में होती है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। इस रथ यात्रा का उत्सव पुरी के अलावा भारत के अन्य क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। जगन्नाथ भगवान की भव्य यात्रा पुरी में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

जगन्नाथ रथ यात्रा आई,

हर्षोल्लास से भरी जगमगाई।

चारों ओर खुशियों का संगम,

भक्तों की भीड़ ने छाया उल्लासम।

रथ पर बैठे हनुमान जी,

राम नाम की धुन लेते नीर।

गंगा जल से रथ को सिंचाते,

भक्तों के हृदय को प्रसन्न करते।

श्रीकृष्ण बलराम और सुबद्रा,

रथ की ऊचाई बढ़ाते नीरा।

मुख में मुस्कान और आंखों में प्यार,

भक्तों को देते हैं वरदान अपार।

यात्रा की शुरुआत पुरी मस्ती के साथ,

गड़गड़ाती ढोलक और बजती ताल।

गलियों में दौड़ती खुशियों की लहर,

पूरा विश्व देखता है आपका विभोर।

सुंदर रथ निकलता है सड़कों पर,

मन्दिरों की आरती सुनाई जगत भर।

भक्तों की भीड़ ने किया उत्साहित,

श्रद्धा भक्ति से रथ पर चढ़ाते हित।

यात्रा की गरिमा भरी हो आपकी आँखों में,

हृदय खुशियों से भर जाए यही कामना है मेरी।

भक्ति के रंग में रंग जाए सबका मन,

जगन्नाथ की कृपा से मिले हर इच्छा का पूरण।

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