शिछक दिवस पर कविता
हर राह आसान हो जाती है
उस आसान राह पर
शिछक की वो शिछा याद आती है
परीछा भले ही हमारी होती है
पर शिछक के रूप में
उनकी शिछा रह जाती है
शिछक दिवस पर कविता
हर राह आसान हो जाती है
उस आसान राह पर
शिछक की वो शिछा याद आती है
परीछा भले ही हमारी होती है
पर शिछक के रूप में
उनकी शिछा रह जाती है