कब तक मुँह से बोलते हो
पन्नो को भी बोलने दो।
तह कर रखी पन्नो की पुरिया को तो खोलने दो
टटोलने दो उनके मन को टटोलने दो।
राज उनके भी खुल जायेंगे
जो अन्दर ही अन्दर बोलते हो
बोलने दो उन पन्नो को जो पन्ने विराने हो
वीरानी दुनिया में जाकर के अन्दर तक टटोलने दो
टटोलने दो उनके मन…
कोई न कोई कहानी तो जरूर होगी
मन ही मन में सजा के रखी होगी
कही न कही से निकल कर जुंबा पे आ जाएगी बात जो तुम चाहते हो
टटोला है जिसके मन को और अब टटोलने दो।
किताबे उनकी खुल जाती हो
जिंदगी के हर पहलु को बंया कर जाती हो
बंया की गई बाते अब तो लिख लेने दो
लिख लेने दो उन पन्नो पे और पन्नो को भी बोलने दो
जिंदगी के हर पहलु से बातो को टटोलने दो।
कब तक मुँह से बोलते हो
पन्नो को भी थोड़ा बोलने दो
बोलने दो उन पन्नो को जो पन्ने वीराने हो
इतिहास फिर से दोहराएंगे
बाते हजार कह जायेंगे
तैयार हो जाओ उन्हें लिखने को
ऐसा कुछ लिख दो अब नया इतिहास लिख दो
वो पन्ने भी खुश हो जाये
जो पन्ने गुम सुम हो
आज उनको भी बोलने दो
जो पन्ने गुम सुम हो
कब तक….
KUB TAK MUH SE BOLTE HO
Kub Tak Muh Se Bolte Ho
Panno Ko Bhi Bolne Do
Raj Unake Bhi Khul Jayenge
Jo Ander h Ander Bolte Ho
Bolne Do Un Panno Ko Jo Panne Virane Ho
Virani Duniya Me Jakar Ander Tak Tatolne Do
Tatolne Do Unke Mun Ko Tatolne do.
Koi N Koi Kahani To Jarur Hogi
Mun H Mun Me Saja Ke Rakhi Hogi
Kahi N kahi Se Nikal Kar Junba Pe aa Jayegi Bat
Jo Tum Chahate Ho
Tatola Hai Jisake Mun Ko Aur Ab Tatolne Do
Kitabe Unki Khul Jaty Ho
Jindagi Ke Her Pahalu Ko Baya Kar Jaty Ho
Baya Ki Gayi Bate Ab To Likh Lene Do
Likh Line Do Un Panno Pe Aur Panno Ko Bhi Bolne Do
Jindagi Ke Her Pahalu Se Bato Ko Tatolne Do
Kub Tak Muh Se Bolte Ho
Panno Ko Bhi Thora Bolne Do
Bolne Do Un Panno Ko Jo Panne Virane Ho
Itihas Phir Se Dohrayenge
Bate Hajar Kah Jayenge
Taiyar Ho Jao Unhe Likhane Ko
Asa Kuch Likh Do Ab Naya Itihas Likh Do
Wo Panne Bhi Khush Ho Jaye
Jo Panne Gum Sum Ho
Aj Unko Bhi Bolne Do
Jo panne gum sum ho
kub tak…