कुछ ध्यान कर, कुछ अरमान भर
कर्त्तव्य पथ पर अभिमान कर
है तेरे अंदर भी वही जुनु
बस तू कभी किसी चीज की चाह कर
कुछ ध्यान कर,कुछ अरमान भर
तेरे भी जलवा होगा, तेरे भी लहू से पसीने बहेंगे
इन किनारो से निकल देख कहीं दूर चलकर
हद न कर
हद कर के हद पार कर
कुछ ध्यान कर, कुछ अरमान भर