सूरज की किरणों को आगे बढ़ते देखा है,
प्रकृति की सुन्दरता को जीते देखा है।
बादलों के साथ खेलते खुशी से देखा है,
बरसात के बाद नयी दुनिया में बढ़ते देखा है।
सूरज की किरणों को आगे बढ़ते देखा है,
प्रकृति की सुन्दरता को जीते देखा है।
बादलों के साथ खेलते खुशी से देखा है,
बरसात के बाद नयी दुनिया में बढ़ते देखा है।
वो दम है
जो किसी से कम नहीं
हर राह को आसान बनाने का
सपना है पर भ्रम नहीं
कुछ सर्ग कामायनी जैसे फिर से धरती पर उतर गये,
फिर से जल प्लावन दृश्य पुराने इसी धरा पर उभर गये।
सम्बन्ध श्वास के औ’ तन के फिर से मन को तड़पाएँगे,
फिर से पुरवाई आयेगी, पर वे दिन लौट न पाएंगे।
कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।
सफलता वो ढूंढन जब चला
सफलता न मिलया कोय
मन की सफलता प्राप्त हो
जो तीन रूप में होय
सुख, शान्ति, समृद्धि
हौसलों में है दम
तो कुछ कर लेंगे हम।
चाहे कोई भी परिस्थिति आये
हर परिस्थिति से लड़ लेंगे हम।
होगा कभी गम
तो उसमे भी खुशिया ढूढ लेंगे हम।
वो जिंदगी जो चाहे जी लेंगे हम
वो जिंदगी जो चाहे जी लेंगे हम।