प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर
पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर
नाचूँगा लेकर प्याला;
जीवन की मधुता तो तेरे
ऊपर कब का वार चुका
आज निछावर कर दूंगा मैं
तुझ पर जग की मधुशाला।
![brandy shop, distillation, alcohol](https://poetrybyashutosh.com/wp-content/uploads/2021/07/brandy-shop-distillation-alcohol-576762.jpg)
प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर
पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर
नाचूँगा लेकर प्याला;
जीवन की मधुता तो तेरे
ऊपर कब का वार चुका
आज निछावर कर दूंगा मैं
तुझ पर जग की मधुशाला।