दीन-हीन भूख है,रोटी के तेवर हैं,
साँस-साँस गिरवी है,वहाँ नये जेवर हैं।
कौन सी तिजोरी में वह हिंदुस्तान है
जिसको सब कहते हैं भारत महान है।।
Year: 2021
कुछ पल की हमें फुरसत दे दो
पल भर कुछ सांसो कुछ सांसे ले लेने दो
अब जियो और जी लेने दो
तन से सुकून की तन्हाई में रहने दो
तन्हा दिल था मेरा फुरसत में थोड़ा अंगराई तो ले लेने दो
शिक्षक वो जो हमें पढ़ाते
हमको तो इन्शा है बनाते
कुछ बातें हम कह जाते
बहुत कुछ बातें वो कह जाते
प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर
पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर
नाचूँगा लेकर प्याला;
जीवन की मधुता तो तेरे
ऊपर कब का वार चुका
आज निछावर कर दूंगा मैं
तुझ पर जग की मधुशाला।
-वर्ड इकोनॉमिक फोरम यानी विश्व आर्थिक मंच 1971 में शुरू हुआ था। इसका मुख्यालय स्विटज़रलैंड में है।
-ये संस्था दुनिया के हालात में सुधार लाने के लिये प्रतिबद्ध है। ये फोरम खुद को पब्लिक-प्राइवेट कोआपरेशन यानी सरकार और निजी छेत्र की भागीदारी का अंतरास्ट्रीय संगठन बताता है।
हर रोज़ हर किसी के दिमाग का दरवाजा खटखटाती
आदत में शामिल हो जाती
एक गरम चाय की प्याली
लोग समझ नहीं पाते
भूख उनकी मिट जाती
एक गरम चाय की प्याली
कच्ची डोरियों,डोरियों,डोरियों से
मैनु तू बांध ले
पक्की यारियों यारियों यारियों में
होंदे ना फासले
ये नाराजगी कागजी सारी तेरी
मेरे सोरेया सुन ले मेरी
दिल दियां गल्लां
करांगे नाल नाल बह के
अक्ख नाले अक्ख नू मिला के
लच्छ रहे निर्धारित मेरे
साछय बनकर खड़े सामने
परिस्थिति कुछ ऐसी बन बैठी
स्थिति कुछ ऐसी बन बैठी
लछ्य की अब वो स्थिति है
परिस्थिति कुछ ऐसी है
जिंदगी कल हो जाएगी हमसे दूर
क्यों न आज में जियो भरपूर
फिर मौका ए दस्तूर नहीं पायेंगे
हो जायेगा समय फितूर
कल का नहीं पता क्या होगा
क्यों सोच के आज रहें परेशान भरपूर
जिंदगी….
सफलता वो ढुढन जब चला
सफलता ना मिलया कोय
मन की सफलता प्राप्त हो
जो तीन रूप में होय
सुख,शांति,समृद्धि