कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।

कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।
कुछ पल की हमें फुरसत दे दो
पल भर कुछ सांसो कुछ सांसे ले लेने दो
अब जियो और जी लेने दो
तन से सुकून की तन्हाई में रहने दो
तन्हा दिल था मेरा फुरसत में थोड़ा अंगराई तो ले लेने दो