कुछ मिलता, कुछ खो जाता है,
जगे कोई, कोई सो जाता है,
छीन अगर लेता है कुछ युग,
जीवन कुछ तो दे जाता है।
जीत-हार के जैसी थी।
नटखट बचपन,चंचल यौवन,दुःखी बुढ़ापे जैसी थी।
Tag: best poetry
सफलता वो ढूंढन जब चला
सफलता न मिलया कोय
मन की सफलता प्राप्त हो
जो तीन रूप में होय
सुख, शान्ति, समृद्धि
तन्हाई में अक्सर हमसे
बात हमारी होती है।
हर सपने की आंख में आंसू,
हर इक ख्वाहिश रोती है।।