Happy Teacgers Day | World Teachers Day बड़े ही धूम धाम से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की याद में मनाया जाता है|
आज विश्व शिक्षक दिवस है। (World Teachers Day) और
विश्व शिक्षक दिवस(World Teachers Day) क्यों मनाया जाता है?
विश्वभर में शिक्षको के सम्मान के लिए विश्व शिक्षक दिवस(World Teachers Day) मनाया जाता है ताकि शिक्षक गण अपने कर्तव्य को समझे और अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर रहे।
5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में एक सम्मलेन हुआ जो “टीचिंग इन फ्रीडम” से सम्बंधित था। जिसमें शिक्षको के अधिकारों,उनके रोजगार,तथा सीखने-सिखाने के तरीको के ऊपर बात किया गया है। 5 अक्टूबर 1994 को 100 देशो ने मिलकर यूनेस्को से सिफारिस किया जिसमें यह तय किया गया कि 5 अक्टूबर से विश्व शिक्षक दिवस(World Teachers Day) का आयोजन किया जायेगा।
शिक्षक दिवस पर कविता
हर राह आसान हो जाती है
उस आसान राह पर
शिक्षक की वो शिक्षा याद आती है
परीछा भले ही हमारी होती है
पर शिक्षक के रूप में
उनकी शिक्षा रह जाती है
जीवन की कोई भी हो परीक्षा
जब साथ शिक्षक की हो शिक्षा
माता-पिता से बढ़कर है तू दूजा
शिक्षक का दर्जा सबसे ऊँचा
ज्ञान की बाते हर सीख़-सिखाती
हर पेड़-पौधे के बड़े होने तक सींची जाती
जीवन की कोई भी हो परीक्षा
जब साथ शिक्षक की हो शिक्षा
हर राह में रोड आये
शिक्षक की शिक्षा याद आये
कैसे हल दुड़ा
वो मोल समझ है आये
हो तेरा भला की हम बच पाए
जीवन की कोई भी हो परीक्षा
जब साथ शिक्षक की हो शिक्षा
Har Raah Asan Ho Jaty
Us Asan Raah Par
Shichhak Ki Wo Shichha Yad Aty Hai
Parichha Bhale Hi Hamari Hoty Hai
Par Shichhak Ke Rup Me
Unki Shichha Rah Jaty Hai
Jiwan Ki Koi Bhi Ho Parichha
Jab Sath Shichhak Ki Ho Shichha
Mata Pita Se Badkar Hai Tu Duja
Shichhak Ka Darja Sabase Uncha
Gyan Ki Bate Har Seekh Sikhaty
Ped-Paudhe Ke Bade Hone Tak Seechi Jaty
Jiwan Ki Koi Bhi Ho Parichha
Jab Sath Shichhak Ki Ho Shichha
Har Raah Me Rode Aaye
Shichhak Ki Shichha Yad Aye
Kaise Hal Duda
Wo Mol Samajh Hai Aye
Ho Tera Bhala Ki Ham Bach Paye
Jiwan Ki Koi Bhi Ho Parichha
Jab Sath Shichhak Ki Ho Shichha
Teachers Day Wishes
मैं एक अध्यापक हूँ..
एक बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार
समाज में स्थान दिलाना चाहता हूँ,
मैं एक अध्यापक हूँ
अपने पढ़ाये बच्चो की सफलता के अलावा
और कोई गुरु -दक्षिणा उससे नहीं चाहता हूँ।
एक बच्चे को
उसकी प्रतिभा के हिसाब से
तराश कर चमकता हीरा बनाना चाहता हूँ,
मैं एक अध्यापक हूँ,
अपने पढाये बच्चो को कामयाब होते देख
मेहनत पर अपनी इतराना चाहता हूँ।
एक बच्चे को
जीवन में आने वाली चुनौतियों से
भली-भांति निपटना सिखाना चाहता हूँ,
मैं एक अध्यापक हूँ
अपने शिष्यों के सर्वांगीर्ण विकास में ही
अपना मूल्यवान समय लगाना चाहता हूँ।
एक बच्चे को
देश,समाज एवं मानवता के कल्याण हेतु
सद्दावना का दूत बनाना चाहता हूँ,
मैं एक अध्यापक हूँ
अपनी दी गई शिक्षाओं के माध्यम से
विश्व-बंधुत्व का सन्देश फैलाना चाहता हूँ।
Jitendra Kabir