महावीर स्वामी जी पर की कविता हिंदी में:
जग के तारे, महान राजा,
धरती का शांति-दाता था।
त्रिशला के पुत्र ज्ञानी,
महावीर स्वामी नाम जगता।।
धन्य उन व्यक्तियों को, जो उन्हें समझते हैं। सबको संबोधित करना,
उनकी खूबियों से भरा था।
जो धन-दौलत में मग्न हैं,
वो नहीं समझते हैं। महावीर स्वामी जैसे,
अनमोल रत्न क्या होते हैं।
ज्ञान-विज्ञान के तजुर्बे,
उन्होंने दुनिया को दिखाये। समस्त जीवों को समझाकर,
उन्होंने उन्नति की राह दिखाए।
महावीर स्वामी जी की कविता है,
सबको जीवन का राह दिखाती है। उनके ज्ञान से जीवन सुखमय होता है,
उनकी शरण में आकर जीवन संघर्षमय होता है।।
महावीर स्वामी,
जैन धर्म के आधार,
आत्मा के मोक्ष के लिए, दिये उन्होंने संकल्प हजार।
अहिंसा का दीव्य वाक्य,
दिया उन्होंने प्रचार, व्यापार, राजनीति, युद्ध जैसी, मृदुवचनों से दूर हुए आधार।
उठा देश संघर्ष का,
युद्ध करने का प्रबंध,
महावीर स्वामी ने, दिया उससे प्रतिबंध।
धर्म की शिक्षा दी,
जीवन को दिया मार्गदर्शन,
जीवों को दिया ज्ञान, उन्होंने की अद्भुत उपलब्धि को स्थापित करन।
जग में फैला दीन-दुखी के लिए आश्रय,
धर्म के मार्ग पर जाकर,
जीता उन्होंने खुद को पूरी तरह से जिताय।
महावीर स्वामी, जिनके नाम से नव उजाले जगे,
उनके विचार और उपदेशों से,
आत्मा को मिले नये रागे।